टीम भारत संग अपने विश्वकप लाई थी
फ़ाइनल में पाक से वो जीत के आई थी
माही के धुरंधरोँ ने के खेल एसा खेला कि
जीतना है ये ललक मैचों में दिखलाई थी
काम अच्छा ओपनर ने फाईनल में किया
बॅट की गंभीर ने रन प्यास बुझाई थी
था नया रोहित पर स्ट्राइक थी
दुगनी उस की
गेंद को बल्ले से सीमा पार कराई थी
कैच कोई गर न हुआ बोल्ड उस को किया
आर पी की स्विंग ने दो बेल्स गिराई थी
क्रीज में वो जा सका ना बॅट पाकिस्तानी
गेंद सीधी स्टंप से रॉबिन ने टकराई थी
मध्य में इरफ़ान ने भी चोट एसी मारी
राह सीधी खान को तंबु की बतलाई थी
धीरे खो मिस्बाह ने भी शॉट एसा मारा
गेंद सीदी जीत बन के हाथ में आई थी
चालें सारी रंग लाई माही ने जो जो खेली
शान भारत की बढ़े एसी वो अगवाई थी
पाक के अरमान सारे चूर होते देखे
शारजाह के छक्के की खूब वो भरपाई थी
कुमार अहमदाबादी