दिल का इलाज हुआ है जब से
आँखों की झील सूखी है तब से
आदतेँ अच्छी डाली है रब ने
मैंने हक भी न माँगा है रब से
कोई आयेगा सब ठीक होगा
सांत्वना मिल रही है ये कब से
बेटा बेटी व माँ बाप सब साथ
हो रहे हैं विदा देखो पब से
प्रार्थना के लिए ही खुले हैं
और कुछ भी न निकले है लब से
कुमार अहमदाबादी
आँखों की झील सूखी है तब से
आदतेँ अच्छी डाली है रब ने
मैंने हक भी न माँगा है रब से
कोई आयेगा सब ठीक होगा
सांत्वना मिल रही है ये कब से
बेटा बेटी व माँ बाप सब साथ
हो रहे हैं विदा देखो पब से
प्रार्थना के लिए ही खुले हैं
और कुछ भी न निकले है लब से
कुमार अहमदाबादी