पूरे शहर में कवि बुद्धुराम चर्चा का विषय बना
हुआ था। जिसे देखो बुद्धु के बारे में बात कर रहा था। उसे के कार्य पर
टिप्पणी कर रहा था। कोई प्रशंसा कर रहा था तो, कोई ढोँगी सनकी कर रहा था।
दरअसल उस ने कार्य
ही एसा किया था व्यक्ति से विरोध या समर्थन अपने आप हो जाता था। आप भी करेंगे।
उस ने किया क्या था?....
.......
........
.......
.......
.........
............
उस ने सासुजी को उन के देहावसान पर सिर के बाल अर्पण किये थे।
कुमार अहमदाबादी
ही एसा किया था व्यक्ति से विरोध या समर्थन अपने आप हो जाता था। आप भी करेंगे।
उस ने किया क्या था?....
.......
........
.......
.......
.........
............
उस ने सासुजी को उन के देहावसान पर सिर के बाल अर्पण किये थे।
कुमार अहमदाबादी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें