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मंगलवार, फ़रवरी 4

लोरी की आवाज़ (रुबाई)


सर्वोत्तम मीठी औ’ प्यारी आवाज़ 

ममता में डूबी संस्कारी आवाज़ 

भर देती है तन मन में नवजीवन 

माँ की पीयूषी लोरी की आवाज़

कुमार अहमदाबादी 

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी