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बुधवार, फ़रवरी 12

पायल की मस्ती (रुबाई)


मस्ती से पायल बोली सुन साजन
इठला कर बोली चूड़ी सुन साजन
बिंदी काजल टीका भी बोल पडे
रस बिन शामें हैं सूनी सुन साजन
कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी