सूर्य के मुख पे उदासी है
रोटी भूखी दाल प्यासी है
कोसे क्यों तू रात को प्यारे
रात तो यौवन की दासी है
ये कहाँ है वो कहाँ है माँ
माँ है तेरी वो न दासी है
यार कारण क्या क्यों भारत में
होते ना पैदा अगासी है
हाथी तो नीकल चुका है अब
पूँछ बाकी है जरा सी है
कुमार अहमदाबादी
रोटी भूखी दाल प्यासी है
कोसे क्यों तू रात को प्यारे
रात तो यौवन की दासी है
ये कहाँ है वो कहाँ है माँ
माँ है तेरी वो न दासी है
यार कारण क्या क्यों भारत में
होते ना पैदा अगासी है
हाथी तो नीकल चुका है अब
पूँछ बाकी है जरा सी है
कुमार अहमदाबादी
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