स्वर्ण से सत्कर्म का विश्वास कर के देख ले
साथ दूँगा मुश्किलोँ में खास कर के देख ले
भूख का आधार हूँ मैं तृप्ति का श्रँगार हूँ
हेम से थोड़ी वफ़ा की आस कर के देख ले
जाए बाहर दायरे से बस में ना इंसान के
कान चाहे देखना परयास कर के देख ले
देखना जो मन ये चाहे आँख वो ही देखती
रेत में जलधार! द्रश्याभास कर के देख ले
वो भुगतता है सजा जो खेल खेले वायु से
तू हवाओँ का कभी परिहास कर के देख ले
रास्ता सरिता बदलती गर न हो अनुकूल पथ
सोच जो परिणाम दे सायास कर के देख ले
ज्ञान सारा ब्रह्म में है इस जगत में ए 'कुमार'
ओम में है ज्ञान तू विश्वास कर के देख ले
कुमार अहमदाबादी
साथ दूँगा मुश्किलोँ में खास कर के देख ले
भूख का आधार हूँ मैं तृप्ति का श्रँगार हूँ
हेम से थोड़ी वफ़ा की आस कर के देख ले
जाए बाहर दायरे से बस में ना इंसान के
कान चाहे देखना परयास कर के देख ले
देखना जो मन ये चाहे आँख वो ही देखती
रेत में जलधार! द्रश्याभास कर के देख ले
वो भुगतता है सजा जो खेल खेले वायु से
तू हवाओँ का कभी परिहास कर के देख ले
रास्ता सरिता बदलती गर न हो अनुकूल पथ
सोच जो परिणाम दे सायास कर के देख ले
ज्ञान सारा ब्रह्म में है इस जगत में ए 'कुमार'
ओम में है ज्ञान तू विश्वास कर के देख ले
कुमार अहमदाबादी
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