Translate

बुधवार, अक्तूबर 10

आह

ये जख्मी दिल से निकली आह है।
कोई न हो उस का मन में चाह है।
गर एक भी खुशी मिली बेवफा को,
तो,ईश्वर से भी टकराने की राह है।
कुमार एहमदाबादी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें