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सोमवार, अक्तूबर 15

कौन हूँ मैं क्या लाया हूँ

 कौन हूँ मैं और क्या मैं लाया हूँ
जाउँगा तो छोड़ के क्या जाउँगा

धरा हूँ मैं परिवार ले के आई हूँ
जाउँगी तो शून्य छोड़ के जाउँगी
 
हवा हूँ मैं साँस ले के आई हूँ
जाउँगी तो विनाश छोड़ के जाउँगी
 
 
पानी हूँ मैं जीवन ले के आया हूँ
जाउँगा तो मौत छोड़ के जाऊँगा
 
 
जीव हूँ मैं शरीर ले के आया हूँ
जाउँगा तो यादें छोड़ के जाउँगा
 
 
फूल हूँ मैं रुप ले के आया हूँ
जाउँगा तो खुशबू छोड़ के जाउँगा
शून्य हूँ मैं गणित ले के आया हूँ
जाउँगा तो उलझन छोड़ के जाउँगा
 
वक्त हूँ मैं इतिहास ले के आया हूँ
जाउँगा तो इतिहास छोड़ के जाउँगा
 
 
ज्ञान हूँ मैं शांति ले के आया हूँ
जाउँगा तो अशांति छोड़ के जाउँगा
 

'कुमार' हूँ मैं विचार ले के आया हूँ
जाउँगा तो शब्द छोड़ के जाउँगा


कुमार अहमदाबादी

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