Translate

बुधवार, मार्च 29

मतदान ‘एक कर्तव्य’

 

वोट देना देश के हर नागरिक का धर्म है

मरजी की सरकार चुनना श्रेष्ठतम सत्कर्म है

जो न दे मत गैरजिम्मेदार है वो आदमी

सच कहूं तो वोट ना देना घृणित दुष्कर्म है

कुमार अहमदाबादी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी