झूमें जब जब जुल्फें तेरी ओ झूमें
जब जब जुल्फें तेरी तो रूप तेरा और निखरे ओ रूप तेरा और निखरे चंदा रानी.............
तेरे माथे पे चमके जो बिंदिया ओ
तेरे माथे पे चमके जो बिंदिया वो लगे मुझे सूरज रे चंदा रानी.....ओ झूमें जब जब जुल्फें तेरी..........
तेरी मीठी मुस्कान के कारण ओ
तेरी मीठी मुस्कान के कारण हुआ कवि घायल रे चंदा रानी..... ओ झूमें जब जब जुल्फें तेरी...........
ओ तेरा तन चमके जैसे सोना
ओ तेरा तन चमके जैसे सोना के मन तेरा हीरे जैसा रे चंदा रानी.. ओ झूमें जब जब जुल्फें तेरी.........
(फोटो – फेसबुक मित्र की सहमति से)
*कुमार अहमदाबादी*
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