Translate

शुक्रवार, मार्च 31

झूमती जुल्फें(पैरोडी गीत)


 

झूमें जब जब जुल्फें तेरी ओ झूमें
जब जब जुल्फें तेरी तो रूप तेरा और निखरे ओ रूप तेरा और निखरे चंदा रानी.............

तेरे माथे पे चमके जो बिंदिया ओ
तेरे माथे पे चमके जो बिंदिया वो लगे मुझे सूरज रे चंदा रानी.....ओ झूमें जब जब जुल्फें तेरी..........

तेरी मीठी मुस्कान के कारण ओ
तेरी मीठी मुस्कान के कारण हुआ कवि घायल रे चंदा रानी..... ओ झूमें जब जब जुल्फें तेरी...........

ओ तेरा तन चमके जैसे सोना
ओ तेरा तन चमके जैसे सोना के मन तेरा हीरे जैसा रे चंदा रानी.. ओ झूमें जब जब जुल्फें तेरी.........
(फोटो – फेसबुक मित्र की सहमति से)
*कुमार अहमदाबादी*

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मीठी वाणी क्यों?

  कहता हूं मैं भेद गहन खुल्ले आम  कड़वी वाणी करती है बद से बदनाम  जग में सब को मीठापन भाता है  मीठी वाणी से होते सारे काम  कुमार अहमदाबादी