बहाना जो किया तूने बहुत प्यारा बहाना है
मुझे तेरे बहाने को हकीकत से सजाना है
आयी है जब जवानी स्वप्न आयेंगे जवानी के
मुझे आगे का जीवन उन्हीं के साथ बिताना है
कभी रोड़ा कभी गाली मिलेंगे रास्ते में पर
सफ़र रोके बिना प्रत्येक अड़चन को हटाना है
हे भगवन क्यों नहीं लेते परीक्षा कभी तुम मेरी
मुझे मेरे अटल विश्वास को अब आजमाना है
उसे कुदरत ने सब कुछ दे दिया है इक कलम देकर
वो है कविराज उस के पास शब्दों का खज़ाना है
कुमार अहमदाबादी
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