Translate

मंगलवार, नवंबर 12

सजन के धैर्य को मत आजमाओ(ग़ज़ल)


सजन के धैर्य को मत आजमाओ

वदन से ज़ुल्फ को तुम मत हटाओ


शरारत मत करो जी मान जाओ

अधर प्यासे हैं ज्यादा मत सताओ


सताया स्पर्श से तो बोल उठा मन

मज़ा आया मुझे फिर से सताओ


मुझे मालूम है तुम हो अदाकार 

अदाकारी के कुछ जलवे दिखाओ


अगर विश्वास है खुद पर व मुझ पर

जरा सा हाथ तुम आगे बढाओ

कुमार अहमदाबादी


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी