देखो देखो, दृश्य में ताजगी है
प्यारे तेरी, आँख में ताजगी है
फ़व्वारे से, साँस में ईत्र छाँट
दंभी बोला, साँस में ताजगी है
खाली जो ना, हो सका गर्व से वो
प्याला बोला, प्यास में ताजगी है
सच्चाई ये, पेट की भूख जाने
कैसी; रोटी, दाल में ताजगी है
जागोगे जो, भोर में तो कहोगे
बच्चों जैसी, वायु में ताजगी है
कंडिकाएँ, काव्य की बोलती है
शब्दों भावों, अर्थ में ताजगी है
कुमार अहमदाबादी
प्यारे तेरी, आँख में ताजगी है
फ़व्वारे से, साँस में ईत्र छाँट
दंभी बोला, साँस में ताजगी है
खाली जो ना, हो सका गर्व से वो
प्याला बोला, प्यास में ताजगी है
सच्चाई ये, पेट की भूख जाने
कैसी; रोटी, दाल में ताजगी है
जागोगे जो, भोर में तो कहोगे
बच्चों जैसी, वायु में ताजगी है
कंडिकाएँ, काव्य की बोलती है
शब्दों भावों, अर्थ में ताजगी है
कुमार अहमदाबादी
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