આજે છે પૂર્ણિમા મદમસ્ત યામિની છે
માણો સનમ મધુર મદહોશ ભામિની છે
સમજો અભણ પ્રીતમ સંકેત પ્રેમનો ને
જલ્દી આવો અહીં બેકાબુ કામિની છે
અભણ અમદાવાદી
साहित्य की अपनी एक अलग दुनिया होती है। जहां जीवन की खट्टी मीठी तीखी फीकी सारी भावनाओं को शब्दों में पिरोकर पेश किया जाता है। भावनाओं को सुंदर मनमोहक मन लुभावन शब्दों में पिरोकर पेश करने के लिये लेखक के पास कल्पना शक्ति होनी जरुरी है। दूसरी तरफ रचना पढ़कर उस का रसास्वादन करने के लिये पाठक के पास भी कल्पना शक्ति होनी जरुरी है। इसीलिये मैंने ब्लॉग का नाम कल्पना लोक रखा है।
जब जब होती है बेमौसम बरसात शोले बन जाते हैं मीठे हालात कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात कुमार अहमदाबादी
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