*घास हरी या नीली*
*लघुकथा*
एक बार जंगल में बाघ और गधे के बीच बहस हो गई. बाघ कह रहा था घास हरी होती है. जब की गधा कह रहा था. घास नीली होती है. काफी देर बहस चली. निर्णय नहीं हुआ. तब दोनों जंगल के राजा बब्बर शेर के पास गए. दोनों ने पूरी बात बता कर निर्णय देने के लिए कहा. बब्बर शेर ने पूरी बात सुनने के बाद बाघ को करारा थप्पड़ जड़ दिया और कहा. घास नीली होती है. बाघ बेचारा चुप हो गया. जब की गधा निर्णय सुनकर उछलने कूदने लगा. थोड़ी देर बाद चला गया. उस के जाने के बाद बब्बर शेर ने बाघ से कहा. घास हरी होती है. तब बाघ ने पूछा. महाराज आपने ये सच गधे के सामने क्यों नहीं बोला. मुझे क्यों थप्पड़ मारा? सुनकर बब्बर शेर ने कहा. तुझे थप्पड़ इसलिए मारा की वो तो गधा है और तूने गधे से जिद बहस की?! मेरे बाद तू जंगल का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है. सोच गधे से एसी बहस करने पर तेरी रेपुटेशन कितनी गिरी होगी. आज के बाद एसा मत करना.
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