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शुक्रवार, जून 6

प्यार की घटा छाई है(रुबाई)


तन मन में प्यार की घटा छाई है 

कुछ मीठा सोचकर ही शरमाई है

मन करता है झूमो प्यारे सजनी

हौले से मंद मंद मुस्काई है

कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी