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शुक्रवार, दिसंबर 2

मधुशाला में चलिए

आप भी चलिए संग मेरे मधुशाला में

शब्द दोनों के निखरेंगे मधुशाला में

मधु का असर जब होगा मस्तिष्क पर

मधुधारा अविरत बहेगी मधुशाला में

कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी