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मंगलवार, जनवरी 17

(मुंड मुंडाया) अखे के छप्पे का अनुवाद

 મૂંડ મુંડાવ્યું હરિને કાજ, લોક પૂજેને કહે મહારાજ

 મનમાં જાણે હરીએ કૃપા કરી, માયામાં લપટાણો ફરી

સૌને મન કરે તે કલ્યાણ, અખા એને હરિ મળવાની હાણ

અખો

अनुवाद

मुंड मुंडाया हरि के काज, लोक पूजे औ’ कहे महाराज

मन में सोचे हरि ने कृपा करी, माया में उलझी जान

सब सोचे ये करे कल्याण, अखा को हरी मिलने की शान

अनुवादक – कुमार अहमदाबादी

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मीठी वाणी क्यों?

  कहता हूं मैं भेद गहन खुल्ले आम  कड़वी वाणी करती है बद से बदनाम  जग में सब को मीठापन भाता है  मीठी वाणी से होते सारे काम  कुमार अहमदाबादी