बसंत आया रे
आया रे आया रे आया रे आया रे आया रे
मुझ में आया तुझ में आया हम सब में आया रे
हम सब में आया रे, बसंत आया रे
ऋतुराज आया रे ए बसंत आया रे
मस्त हो गई कलियां सारी झूम रही है कोकिलाएं
मस्त हो गये भंवरे सारे झूम रही है यौवनाएं
मस्त हो गया आसमां और झूम रही है हवाएं
हम सब में आया रे बसंत आया रे
ऋतुराज आया रे ए बसंत आया रे
पत्ता पत्ता डाल झूम रहा है डाली डाली गा रही है
खेतों में हरियाली देखो मस्ती से लहलहा रही है
वायु भी होकर सुगंधित मीठे गीत गा रही है
हम सब में आया रे बसंत आया रे
ऋतुराज आया रे ए बसंत आया रे
कुमार अहमदाबादी
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