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रविवार, सितंबर 3

श्री गुरु वंदना


माता पिता गुरु चरणों में प्रणवत बारम्बार

हम पर किया बड़ा उपकार, हम पर किया .......टेर।।


माता ने जो कष्ट उठाया, वह ॠण जाये ना कभी चुकाया

अंगुली पकडकर चलना सीखाया, ममता की दी शीतल छाया

जिन की गोद में पलकर हम, कहलाते हैं हुशियार

हम पर किया बड़ा उपकार.......।।1।।


पिता ने हम को योग्य बनाया, कमा कमाकर अन्न खिलाया

पढा लिखा गुणवान बनाया, जीवनपथ पर चलना सिखाया 

जोड जोड अपनी सम्पत्ति का, बना दिया हकदार

हम पर किया बड़ा उपकार......।।2।।


तत्वज्ञान गुरु ने बतलाया, अंधकार सब दूर भगाया

हृदय में भक्ति दीप जलाकर, हरिदर्शन का मार्ग बताया

बिना स्वार्थ ही कृपा करें ये, कितने। बड़े हैं उदार

हम पर किया बड़ा उपकार......।।3।।


प्रभु कृपा से नर तन पाया, संत मिलन का साज बजाया

बंद, बुद्धि और विद्या देकर सब जीवों में श्रेष्ठ बनाया

जो भी इन की शरण में आता, कर देता उद्धार

हम पर किया बड़ा उपकार......।।4।।


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मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी