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शनिवार, सितंबर 30

प्यासा मन डोला(रुबाई)

          

साजन प्यासा मन भी डोला तन भी
सांसे डोली डोला है जीवन भी
कैसा जादू डारा है जी तुमने
धीरे धीरे डोला है मधुबन भी
कुमार अहमदाबादी

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मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी