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रविवार, मई 25

हरा भरा मधुवन (रुबाई)

 


यौवन तेरा हरा भरा है मधुवन

फैलाता है सुगंध जैसे चंदन 

मादक ऋतु में बौराई मृग नैनी

के नवयौवन को करता हूं वंदन 

कुमार अहमदाबादी 

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी