खुशबू होती सोने में तो
सोचो क्या क्या होता
खुशबू होती फूलों सी तो
सोचो क्या क्या होता
खुशबू होती सोने में तो,
धन कहाँ है कभी किसी को
कभी बताना ना पड़ता
खुशबू अपने आप बताती
धन छिपा तिजोरी में
खुशबू होती सोने में तो,
खुशबू ही कसौटी बनती
खुशबू से ही जाँचा जाता
सोना जितना शुद्ध उतनी
खुशबू होती सोने में
खुशबू होती सोने में तो,
परखा जाता दूर से ही
तस्करी न होती ईस की
कर दफ्तर से छुप न सकता
खुशबू आती सोने से
खुशबू होती सोने में तो,
सोने से जब नारी लदती
खुशबू जाती दूर तलक
नारी सुंदर हो ना हो पर
खुशबू आती 'सीने' से
खुशबू होती सोने में तो
सोचो क्या क्या होता
कुमार अहमदाबादी
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