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बुधवार, नवंबर 22

भंवरलाल जी का घर

निर्णयपुरा विस्तार में चार थंभों का चौक आते ही रामकीशन ने तांगा रोका। तांगे से उतरकर एक व्यक्ति से पूछा 'भाई, मेरा नाम रामकीशन है। मैं भंवरलाल जी से मिलना चाहता हूँ। आप बता सकते हैं कि भंवरलाल जी का मकान कौन सा है? व्यक्ति बोला 'कौन से भंवरलाल जी? इस एरिये में आठ दस भंवरलाल जी है। आप को कौन से भंवलरलाल जी से मिलना है?आप उन की छाप बताइये। मैं तुरंत बता दूंगा कि उन का घर कहां है? रामू बोला 'छाप तो मुझे मालूम नहीं है। पर इतना जानता हूँ कि वो ठीक-ठाक डील डौल के हैं। व्यक्ति बोला 'भाई,ज्यादातर भंवलरलाल जी ठीक-ठाक डील डौल के ही हैं।' ये विस्तार जो की निर्णयपुरा गवाड कहा जाता है। अंदाजन सात आठ भंवरलाल जी रहते हैं। सुनिये,मैं लगभग सारे भंवरलाल क नाम बताता हूँ। आप जिन से मिलना चाहते हो। शायद छाप से पहचान जाओ। अभी आप को छाप याद नहीं पर शायद आप को लगे हां, मैं इन्हीं से मिलना चाहता हूँ। ठीक है। आगंतुक यानि आनेवाला बोला 'ठीक है।'

व्यक्ति बोला 'भंवरलाल जी फूलपुरावाले, भंवरलाल जी मशीनवाले, भंवरलाल जी गट्टोंवाले, भंवरलाल जी गांववाले, भंवरलाल जी शरारती

व्यक्ति ने जैसे ही भंवरलाल जी शरारती का नाम बोला। आनेवाले ने पूछा 'ये शरारती छाप कैसे पडी?' व्यक्ति बोला 'भाई,वो बहुत शरारत करते हैं। उन से मिलना हो तो बचकर रहना। आनेवाला बोला 'ठीक है ध्यान रखूंगा।

चौक में खडा व्यक्ति और नाम बोलने लगा, भंवरलाल जी उंची चौकीवाले, भंवरलाल जी घाटवाले, भंवरलाल जी पाटावाले, भंवरलाल जी वकील, भंवरलाल जी उस्ताद, भंवरलाल जी जडिया। अब बोलो आप को किस से मिलना है? और काम क्या है?

आनेवाला बोला 'जी, मुझे उन से घाट पर मीना करवाना है।'

व्यक्ति बोला 'मेरे साथ आओ, मैं तुम्हें पहुंचा देता हूँ।

आनेवाला व्यक्ति के साथ उस के घर गया। उसे हाटडे(घर में प्रवेश करते ही काम करने का कमरा) में बिठाकर व्यक्ति अंदर गया। दो मिनिट में वापस बाहर आया और बोला 'आप को जिन से मीना करवाना है। वो भंवरलाल मैं ही हूँ।

*कुमार अहमदाबादी*

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मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी