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सोमवार, नवंबर 27

संस्मरण

                                                               

कल विश्व कप फाइनल है. कल २०२३ का विश्व कप फाइनल खेला जाएगा. विश्व कल फाइनल के दिन से मेरी व्यक्तिगत याद भी जुड़ी हुई है. मैंने 1987 के नवंबर महीने की 7 तारीख की रात को 11:55 मिनिट पर व्यक्तिगत डायरी लिखने की शुरुआत की थी. 8 तारीख को मेरा जन्म दिवस था और उसी दिन विश्व कप फाइनल भी था. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड फाइनल खेलने वाले थे. पहला लेख मैंने दूसरे दिन होने वाले फाइनल के बारे में लिखा था. ये लिखा था कि मुझे लगता है "ऑस्ट्रेलिया जीत जाएगा."                  

 उस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर खिलाड़ी नए थे या यूं कहिए कम अनुभवी थे. टीम नव सृजन के दौर से गुजर रही थी. तीन साढ़े तीन वर्ष पहले तीन महारथी रोडनी मार्श, ग्रेग चैपल और डेनिस लिली ने एक साथ सन्यास लिया था. उस वजह से टीम थोड़ी कमजोर हो गई थी. हालांकि ऑस्ट्रेलिया का स्तर इतना मजबूत है. वो कमजोर हो तब भी दूसरी कई टीमों से अच्छी होती है. दूसरी तरफ टीम में जो नए खिलाड़ी भी शामिल हुए थे. उन्हें भी अपना सिक्का जमाना था. टीम में ज्यॉफ मार्श(मिचेल मार्श के पिता), डेविड बुन, क्रेग मेकडरमॉट, ब्रूस रीड, स्टीव वॉग, डीन जॉन्स, माइक वेलेटा, सायमन ओडोनल, ग्रेग डायर, टीम मे जैसे ज्यादातर नए खिलाड़ी थे. इन में से लगभग कोई भी तीन वर्ष से ज्यादा अनुभवी नहीं था. कप्तान एलन बॉर्डर था. वो अनुभवी था.   बॉर्डर 1979 में उप कप्तान के रुप में भारत की यात्रा कर चुका था. 79 में किम ह्यूज कप्तान था.            

ऑस्ट्रेलिया में हमेशा क्रिकेट प्रतिभाओं की भरमार रही है. क्रिकेट वहां एक जुनून है. एक तरह से राष्ट्र का गौरव है.

एसी पृष्ठभूमि में ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंची थी. दूसरी तरफ उन के सामने थी. उन की चिर प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड था. वैसे भी प्रत्येक आस्ट्रेलियन इंग्लैंड के विरुद्ध हमेशा दुगने तिगुने जोश से खेलता है. इसीलिए मुझे लगा था. ऑस्ट्रेलिया विश्व कप फाइनल जीतेगा. वही हुआ. ऑस्ट्रेलिया फाइनल जीता और सिर्फ 7 रन से जीता. ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलकर 253/5 स्कोर बनाया. लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड को 246/8 पर रोक दिया. डेविड बुन को प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड दिया

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मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी