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शनिवार, नवंबर 25

वापस पाना है(रुबाई)


  जो कुछ खोया है वापस पाना है

बिछड़ों को अब घर वापस लाना है

जागा भी है बदला भी है भारत

लौटेंगे जो उन को अपनाना है

      कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी