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रविवार, सितंबर 15

खूबसूरती री माया(राजस्थानी रुबाई)


मोसम सी फूटरी फरी है सजनी

चंचळ गोरी अलबेली है सजनी

मोसम री खूबसूरती री माया 

कवि रा सबदों ने लागी है सजनी 

कुमार अहमदाबादी


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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी