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रविवार, जून 23

जमना तट पर राधा रानी(रुबाई)

 

कहता है प्यासी जमना का पानी

दर्शन को तरसे हैं इक दीवानी

आओ आ भी जाओ प्यारे कान्हा 

जमना तट पर खडी है राधा रानी 

*कुमार अहमदाबादी*





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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी