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गुरुवार, जून 27

जवानी ने खेल खेले थे (गज़ल)


जब जवानी ने खेल खेले थे

हर तरफ फूल थे व मेले थे


हम कभी भूल ना सकेंगे की

फूल के साथ हम अकेले थे 


हां, झमेले भी थे मगर यारों

वे सुगंधित हसीं झमेले थे


काम था नाम था जवानी थी 

जेब में लाख लाख धेले थे


वास्ता सिर्फ था मिठाई से 

दूर तक ना कहीं करेले थे

कुमार अहमदाबादी

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