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मंगलवार, दिसंबर 28

इत्र का व्यापारी

एक भ्रष्टाचारी पकडा गया 

इत्र का व्यापारी पकडा गया 

वक्त कैसा आज आया जिसे 

सायकल थी प्यारी पकडा गया 

कुमार अहमदाबादी 

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चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी