रसमळाई दाळशीरो चेपणा है एक दिन
कतली जोंफळ और चमचम चाखणा है एक दिन
लॉकडाउन में तरस ग्यो म्हैं जीमण रे वास्ते
टूटते ही लॉक मीठा टेकणा है एक दिन
चायपट्टी तक ग्यों ने बीत ग्या जुग तीन चार
चाय, कांजी और कचोळी सूंतणा है एक दिन
रांगडी में पी'र ठंडाई पछे जा'र कोटगेट
गाळ लाडू और घेवर टेकणा है एक दिन
लाल शरबत पी'र डूब'र मस्ती में कर आंख लाल
जग्गु सा रा दाळिया भी खावणा है एक दिन
कुमार अहमदाबादी
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