Translate

बुधवार, दिसंबर 29

रसमळाई चेपणी है एक दिन(राजस्थानी गज़ल)

रसमळाई  दाळशीरो चेपणा है एक दिन

कतली जोंफळ और चमचम चाखणा है एक दिन


लॉकडाउन में तरस ग्यो म्हैं जीमण रे वास्ते

टूटते ही लॉक मीठा टेकणा है एक दिन


चायपट्टी तक ग्यों ने बीत ग्या जुग तीन चार

चाय, कांजी और कचोळी सूंतणा है एक दिन


रांगडी में पी'र ठंडाई पछे जा'र कोटगेट

गाळ लाडू और घेवर टेकणा है एक दिन


लाल शरबत पी'र डूब'र मस्ती में कर आंख लाल

जग्गु सा रा दाळिया भी खावणा है एक दिन

कुमार अहमदाबादी 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी