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मंगलवार, नवंबर 29

फूल और कांटे(मुक्तक)

बाग में घूमने के लिए हौसला चाहिए

फूल को चूमने के लिए हौसला चाहिए

याद रखना मगर साथ कांटे भी होंगे जरुर 

शूल से जूझने के लिए हौसला चाहिए

कुमार अहमदाबादी





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चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी