प्राणेश्वरी प्राणप्यारी मनमोहीनी तुम
कोयल सी मीठी सुरीली मृदु भाषिणी तुम
मैं हो गया धन्य जीवन भी हो गया है
हूं भाग्यशाली हो मेरी अर्धांगिनी तुम
आवाज जब जब सुनी तुम्हारी लगा ये
हो भैरवी राग की मोहक रागिणी तुम
धीमी धीमी चाल चलती हो मस्ती में जब
कहता है मेरा हृदय हो गजगामिनी तुम
तुम्हारी मरजी न हो और मैं छेड़ दूं तो
बन जाती हो पल में तूफानी दामिनी तुम
कुमार अहमदाबादी
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