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मंगलवार, नवंबर 22

खूबसूरत जाम(मुक्तक)


 ऐतिहासिक खूबसूरत जाम है

 साथ मेरे साकी और जाम है

  हो रहा है प्रेम कुछ बोले बिना

ये जीवन का सब से मीठा याम है

कुमार अहमदाबादी

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मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी