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सोमवार, जून 19

कठिन है (रुबाई)


स्वीकार कठिन है या इंकार कठिन

सन्यास कठिन है या संसार कठिन

ये प्रश्न अमर है छोड़ो फिक्र ‘कुमार’

तुम प्यार करो प्यारे है प्यार कठिन

कुमार अहमदबादी

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चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी