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शुक्रवार, जून 30

अमृत


 

नखरे मत कर पी ले तू ये दूध पी ले

सब से पहले पी ले तू ये दूध पी ले

अमरत होता है गाय का दूध ‘कुमार’

पीकर सुख से जी ले तू ये दूध पी ले

       कुमार अहमदाबादी

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मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी