Translate

रविवार, अगस्त 27

अजमल जी रे लाल ने घणी खम्मा

 

अजमल जी रे लाल ने
अजमल जी रे लाल ने घणी खम्मा
माता मैणां दे रे लाल ने घणी खम्मा
आ साठ कोस री परिक्रमा
आपौ चालां रुणीचे रम्मा झम्मा
अजमल जी रे लाल ने घणी खम्मा

1.
बांध धोतियो टांग कोछियो, हाथां में ले लो लाठी।
कांधे केतली भर पाणी री, कमर बांध लो काठी।।
                                   अजमल जी रे लाल ने घणी खम्मा
2.
सब मिल आवो पूजा करावो, श्रीफळ भेंट चढावो।
जगमग जोत हुवे बाबे री, झुक झुक शीश नवावो।।  
                                  अजमल जी रे लाल ने घणी खम्मा
3.
हिम्मत राखजो मत घबराजो, बाबो खींचे डोरी।
मारग  में  थाने मिले  पीर जी करे  यात्रा सोरी।।
                                  अजमल जी रे लाल ने घणी खम्मा
4.
मीठां बोलणां हिरदे तोलणां, शुद्ध भावना रखणा।
जै  जै  कार  बोलता  चालो  रुणीचे  पग  धरणां।।
                                  अजमल जी रे लाल ने घणी खम्मा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

घास हरी या नीली

*घास हरी या नीली* *लघुकथा* एक बार जंगल में बाघ और गधे के बीच बहस हो गई. बाघ कह रहा था घास हरी होती है. जब की गधा कह रहा था. घास नीली होती है...