(भजन)
तर्ज - मीठे रस सूं भरियोडी राधा राणी लागे
बाबा सुणकर थांरो नाम दौड्या आया थारे धाम,
दौड्या आया थारे धाम बाबा, नैया ने पार लगा दीजो
दिन काटां गिण गिण कर म्हारी बिगडी बणावो - 2
बेगा सा लीले चढ़ आवो, म्हाने मत तरसावो -2
अब तो बिगडी जावे बात, बाबा थारो ही है साथ
बाबा नैया ने पार लगा दीजो.....
दर पर थारे जो भी आया, कोई गया ना खाली -2
थोड़ी म्हां पर म्हेर करो थे, मैं हूं एक सवाली -2
मैं भी आया थांरे द्वार, म्हारी सुण लो पुकार
बाबा नैया ने पार लगा दीजो......
चरण कमळ में शीश नवाऊं, सिंवरुं बारम्बार -2
नित रो थोंरे धोक लगाउं, झुक झुक करुं जुहार -2
थे हो भगतां रा सिरमौर, कर लो म्हां पर थोडो गौर
बाबा नैया ने पार लगा दीजो......
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