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रविवार, अगस्त 20

भोला बागम्बर वाला (शिव भजन)


भोला बागम्बर वाला, शंकर है डमरुवाला
माया है उस की महान, है वो निराला भगवान
बैठा आंखों को मींचे, सांसों को ऊपर खींचे
करता ना जाने किस का ध्यान, है वो निराला भगवान।। टेर।।

जटा में शिवशंकर के, गंगा विहार करे
माथे पे देखो उन के, चंदा उजियार करे
कानों में कुंडल उन के गले में सर्पों का हार पड़े
पीता है भंग का प्याला, रहता सदा मतवाला
अजब निराली उन की शान है, है वो निराला भगवान ... भोला बागम्बर वाला

अंग में वो निश दिन भस्मी रमाए
होकर मगन कभी डमरु बजाए
डमरु बजाए तांडव नाच दिखाए
एसा है भोलाभाला, भक्तों का है रखवाला
अपने भक्तों का रखता मान, है वो निराला भगवान....भोला बागम्बर वाला

सेवा में रहती जिसके गिरजा सुकुमारी
कार्तिक गणेश दोनों पुत्र आज्ञाकारी
देता वरदान सब को भोला भंडारी
सारे जग का प्रतिपाला देवों में देव निराला
गाता है ताराचंद गुणगान है वो निराला भगवान......भोला बागम्बर वाला

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