इस दुनिया में आकर हमने रंग इतने देखे हैं
मेघधनुष में रंग है जितने रंग उतने देखे है
इस दुनिया में आकर हमने ...
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कोई नीला कोई पीला कोई काला कलंदर है
कोई आसमानी गगन, कहीं पे नीला समंदर है
इस दुनिया में आकर हमने....
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चोर का चेहरा पीला और दुल्हन का लाल देखा
खेतों में हरियाली देखी आग को केसरिया देखा
इस दुनिया में आकर हमने....
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मौसम के संग इन्सानों को हमने रंग बदलते देखा
युद्धों के आखिर में हमने श्वेत ध्वज लहराते देखे
इस दुनिया में आकर हमने....
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फूल खिलते मौसम के संग और फिर मुरझाते है
क्रोध से लाल चेहरे और शर्म से लाल चेहरे देखे
इस दुनिया में आकर हमने....
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दंगों की कालिमा देखी, पानी का ना रंग देखा
वायु को रंग बिना पर, योद्धा को केसरिया देखा
इस दुनिया में आकर हमने....
कुमार अहमदाबादी
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