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शनिवार, नवंबर 10

सूर्य गीत

मुडें जब जब राहें तेरी...ओ मुडें जब (२)तो रुत का भी रुख पलटे के रुत (२) जिंद मेरी ये

तेरे आने से दिन ये आये ओ तेरे(२) के जाने से रात आये रे के जाने से(२) जिंद मेरी ये

कभी चाँद जो तुज पे छाए ओ कभी (२) तो अनहोनी हो के रहे रे क
े अनहोनी (२) जिंद मेरी ये

तेरे पीछे चले ये दुनिया ओ
तेरे पीछे (२) के भेद ये सब जाने रे के भेद(२)जिंद मेरी ये

तेरी इक करवट पे दुनिया ओ तेरी(२) ये थर थर थर कांपे रे के थर थर (२) जिंद मेरी ये

तू है राजा अपने घर का ओ तू है(२) के घर तेरा जग सारा रे के घर तेरा (२) जिंद मेरी ये

चाहे हिन्दु हो या मुसलमाँ ओ चाहे(२) के धूप तेरी सब पे आए रे के धूप(२) जिंद मेरी ये

अरे नाम तेरा सब जाने अरे नाम(२) के नाम तेरा रवि है रे के नाम (२) जिंद मेरी ये 
कुमार अहमदाबादी

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चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी