आग से यूँ न खेलो सनम हाथ अपना जला लोगे।
ईश्क का ईम्तहाँ लेने में प्यार अपना गंवा दोगे॥
हमसफर साथ हो तो कटेगा सफर कामयाबी से।
लक्ष्य पाने से पहले सफर काटने का मजा लोगे॥
स्वप्न प्रासाद जब टूट जाये तो मत रोना, क्या! क्यों कि।
रोने से होगा क्या! रो के प्रासाद फिर से बना लोगे?
ईश्क का ईम्तहाँ लेने में प्यार अपना गंवा दोगे॥
हमसफर साथ हो तो कटेगा सफर कामयाबी से।
लक्ष्य पाने से पहले सफर काटने का मजा लोगे॥
स्वप्न प्रासाद जब टूट जाये तो मत रोना, क्या! क्यों कि।
रोने से होगा क्या! रो के प्रासाद फिर से बना लोगे?
ना करो शर्म मेरे सनम, प्यार स्वीकार कर के तुम।
फूलों से धरती को सपनों से आसमाँ को सजा लोगे॥
सांसो से रिश्ता जोड़ा है संभव नहीं छोड़ दे 'कुमार'।
लाख कोशिशें कर के गुलों से महक क्या हटा लोगे?
कुमार अहमदाबादी
फूलों से धरती को सपनों से आसमाँ को सजा लोगे॥
सांसो से रिश्ता जोड़ा है संभव नहीं छोड़ दे 'कुमार'।
लाख कोशिशें कर के गुलों से महक क्या हटा लोगे?
कुमार अहमदाबादी
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