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शुक्रवार, अगस्त 9

मेरी जोरू(रुबाई)

 

दोनों को जानती है दुनिया सारी 

जोरू से है मेरी गहरी यारी 

बिन फेरे हो गये हैं इक दूजे के 

मय है मेरी जोरू प्यारी प्यारी 

कुमार अहमदाबादी 

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  जीवन ने पूरी की है हर हसरत मुझ को दी है सब से अच्छी दौलत किस्मत की मेहरबानी से मेरे आंसू भी मुझ से करते हैं नफरत कुमार अहमदाबादी