Translate

गुरुवार, अक्तूबर 12

ऋतुराज आये हैं(रुबाई)

 ऋतुराज आये हैं देवी दर्शन दो

दे दो कुछ हम को कुछ वापस ले लो

अब तुम हो हमारी हम हैं तुम्हारे

अपने आप को खोकर हम को पा लो

कुमार अहमदाबादी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी