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सोमवार, अक्टूबर 9

तोलकर बोलो(रुबाई)

ये वो छोड़ो बोतल खोलो प्यारे

प्याला पी लो फिर कुछ बोलो प्यारे

पीकर बोलो खुलकर बोलो लेकिन

जो बोलो वो पहले तोलो प्यारे

कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी