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शुक्रवार, अक्टूबर 6

मैं मीठा हूं तुम हो पूरे....(रुबाई)

तुम तुम हो मैं मैं हूं समझे प्यारे

दोनों के जीवन है बिल्कुल न्यारे

हम दोनों हैं इस थाली में लेकिन 

मैं हूं  मीठा तुम हो पूरे खारे

कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी