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शनिवार, अक्टूबर 7

मां का दामन(रुबाई)


बादल सा है मेरी मां का दामन
झरमर झरमर जैसे बरसे सावन
मां के जैसा कोई नहीं है जग में
मां की ममता है गंगा सी पावन
कुमार अहमदाबादी

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