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गुरुवार, मई 16

हरा भरा मधुवन (रुबाई)

 


यौवन तेरा हरा भरा है मधुवन
फैलाता है सुगंध जैसे चंदन
मादक ऋतु में बौराई मृग नैनी
के नवयौवन को करता हूं वंदन
कुमार अहमदाबादी


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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी