कांता रॉय की कलम से
लघुकथा साहित्य की एक ऐसी विधा है जो क्षणिक घटनाओं पर आधारित होती हैं । वर्तमान में लघुकथा काफी लोकप्रिय हैं । आप जब भी लघुकथा लेखन करें, कृपया इन मानकों पर उसको चेक जरूर करें।
सार्थक लघुकथा के प्रमुख मानक - तत्व इस प्रकार है :--
१ - कथानक- प्लॉट , कथ्य को कहने के लिये निर्मित पृष्ठभूमि ।
२- शिल्प - क्षण विशेष को कहने के लिये भावों की संरचना ।
३- पंच अर्थात चरमोत्कर्ष - कथा का अंत ।
४- कथ्य - पंच में से निकला वह संदेश जो चिंतन को जन्म लें ।
५- लघुकथा भूमिका विहीन विधा है।
६- लघुकथा का अंत ऐसा हो जहाँ से एक नई लघुकथा जन्म लें अर्थात पाठकों को चिंतन के लिये उद्वेलित करें।
७- लघुकथा एक विसंगति पूर्ण क्षण विशेष को संदर्भित करें ।
८- लघुकथा कालखंड दोष से मुक्त हो ।
९- लघुकथा बोधकथा ,नीतिकथा ,प्रेरणात्मक शिक्षाप्रद कथा ना हों ।
१०- लघुकथा के आकार -प्रकार पर पैनी नजर ,क्योंकि शब्दों की मितव्ययिता इस विधा की पहली शर्त है ।
११- लघुकथा एकहरी विधा है ।अतः कई भावों व अनेक पात्रों का उलझाव का बोझ नहीं उठा सकती है।
१२- लघुकथा में कथ्य यानि संदेश का होना अत्यंत आवश्यक है।
१३- लघुकथा महज चुटकुला ना हों ।
१४- लेखन शैली
१५- लेखन का सामाजिक महत्व ।
कांता रॉय की कलम से
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