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मंगलवार, मई 21

लघुकथा के नियम

कांता रॉय की कलम से

लघुकथा साहित्य की एक ऐसी विधा है जो क्षणिक घटनाओं पर आधारित होती हैं । वर्तमान में लघुकथा काफी लोकप्रिय हैं । आप जब भी लघुकथा लेखन करें, कृपया इन मानकों पर उसको चेक जरूर करें।


सार्थक लघुकथा के प्रमुख मानक - तत्व इस प्रकार है :--

१ - कथानक- प्लॉट , कथ्य को कहने के लिये निर्मित पृष्ठभूमि ।

२- शिल्प - क्षण विशेष को कहने के लिये भावों की संरचना ।

३- पंच अर्थात चरमोत्कर्ष - कथा का अंत ।

४- कथ्य - पंच में से निकला वह संदेश जो चिंतन को जन्म लें ।

५- लघुकथा भूमिका विहीन विधा है।

६- लघुकथा का अंत ऐसा हो जहाँ से एक नई लघुकथा जन्म लें अर्थात पाठकों को चिंतन के लिये उद्वेलित करें।

७- लघुकथा एक विसंगति पूर्ण क्षण विशेष को संदर्भित करें ।

८- लघुकथा कालखंड दोष से मुक्त हो ।

९- लघुकथा बोधकथा ,नीतिकथा ,प्रेरणात्मक शिक्षाप्रद कथा ना हों ।

१०- लघुकथा के आकार -प्रकार पर पैनी नजर ,क्योंकि शब्दों की मितव्ययिता इस विधा की पहली शर्त है ।

११- लघुकथा एकहरी विधा है ।अतः कई भावों व अनेक पात्रों का उलझाव का बोझ नहीं उठा सकती है।

१२- लघुकथा में कथ्य यानि संदेश का होना अत्यंत आवश्यक है।

१३- लघुकथा महज चुटकुला ना हों ।

१४- लेखन शैली

१५- लेखन का सामाजिक महत्व ।

कांता रॉय की कलम से

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